कंपनी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी सचिव कर संबंधी मामले तथा उत्पाद विधि, श्रम विधि एवं निगम विधि जैसी अन्य विधियों से जुड़े मामले संभालता है।
2.
कंपनी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी सचिव कर संबंधी मामले तथा उत्पाद विधि, श्रम विधि एवं निगम विधि जैसी अन्य विधियों से जुड़े मामले संभालता है।
3.
निगम विधि में जहाँ स्वयं को नकारकर शुन्य बना दिया जाता है | नेति नेति की विधि से अहंकार को शुन्य कर शिवत्व से एकत्व की प्रक्रिया बतायी गई है।